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यहाँ क्लिक कर आप मेरी आवाज़ में सुन सकते है।          सच्चा दोस्त... सच्चा दोस्त जो आपकी भावनाएं समझे... सच्चा दोस्त जो आपके साथ साथ, आपके परिवार जनों का भी सम्मान करे... जो आपके लिए अलग नही दिखना चाहता, जैसा है वैसे ही आपसे मिले...   वह आपके लिए बनावटी व्यवहार नही बनाता... एक सच्चा दोस्त... जब आप गलत हों वो काम करने से आपको रोके, जब कुछ अच्छा करते हैं आपको प्रोत्साहन करे... सच्चा दोस्त जो भले ही आपसे रोज मिल न पाए, पर मुसीबत में जिसे आप अपने सबसे करीब  पाए... जो कमियां आपके अंदर हैं, निसंकोच आपको ही बताए... और आपके पीठ पीछे आपकी प्रसंशा करता है। मन की बात सीधे और सरल शब्दों में, आपसे ही बयां करता है... आपके मुखभाव से आपकी, मनोवृत्ति भांप लेता है... वह है आपका सच्चा दोस्त... प्रदीप लाल आर्य  Mail us :-  parya0497@gmail.com +919756461704 subscribe me on youtube www.youtube.com/c/pradeeparya

वक़्त कुछ जीवन घरबार-: प्रदीप आर्य


   "वक्त कूछ जीवन घरबार"
        (गढवाली कविता)

वक्त कूछ जीवन घरबार,
कबि तछ मौज की बहार!

फेर यू जीवन नी मिन्न बारबार,
ये जीवनम् छन संघर्ष आपार!

यू जीवन तछ भगवान कू रैबार,
ये रैबार म कन्न जीवन कू उध्धार!

जै मनखिन बिंग्याली या सार,
जीवनम् नी माण्या कबि हार!

जीवन तछ एक अनमोल उपहार,
कबिछ कठणै,
 त कबि हैसण ख्ययनैं बहार।

ये जीवनमु कन्नन भला भला काम,
जन वै जमानामु  करदा थै श्री राम

नी कन्न क्वी अपराध..
यातछ एक अच्छा  जीवन की सौगात

वक्त कूछ जीवन घरबार,
फेर यू जीवन नी मिन्न बार बार

ये जीवनम् कर द्या कुछ यनु काम,
जू आपतैं हर क्वी बोलालु की,
येही मुछ  जीवन कू घरबार......

प्रदीप आर्य
ग्राम पुजार गौं
कक्षा- B.a. final year
रा0 म0 चन्द्रबदनी (नैखरी)
जिला- टिहरी गढ़वाल  उत्तराखण्ड
Contect- parya0497@gmail. Com
Or 9756461704
www.pradeeplalarya.blogspot.com

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